Wednesday, 25 March 2015

21 मार्च से नवरात्र और नव वर्ष का शुभारम्भ


नवरात्रे तथा घट स्थापना?
21 मार्च से ही नव संवत 2072 का शुभारम्भ है तथा चैत्र नवरात्रे आरम्भ हो रहे हैं जो 28
तारीख तक रहेंगे। तृतीया तिथि का क्षय होने से नवरात्रे 8 दिन के है। अष्टमी का कन्या पूजन, 27
मार्च और राम नवमी अर्थात राम जन्मोत्सव 28 तारीख को है।
घट स्थापना का मुहूर्त -
प्रातः: 6.30 से 7.35
प्रातः 8.15 से 9.45
दोपहर- 12.10 से 12.50 बजे तक ,अभिजीत मुहूर्त

कैसे करें घट स्थापना ?
घर का एक ऐसा स्वच्छ स्थान सुनिश्चित कर लें जहां कोलाहल न हो और पूजा के समय
आपका मुख पूर्व या उत्तर की ओर हो और आप आसन पर बैठें। मिट्टी या किसी धातु के कलश में
गंगा जल, एक सिक्का,जौ, चावल, रोली व तिल डालें। कलश के मुंह पर 5 या 7 आम के पत्ते
रखें। कलश पर रोली से स्वास्तिक का चिन्ह बना दें और मौली बांध दें।
एक पानी वाले नारियल पर लाल चुनरी या वस्त्र बांध कर लकड़ी की चौकी या मिट्टी की बेदी
पर ईषान कोण में स्थापित कर दें ।



जौ या खेतरी बीजना
इसी समय मिट्टी के गमले या मिट्टी की बेदी पर भुरभुरी मिट्टी में, जौ बीज
कर , आम के पत्तों से ढंक दे, तीसरे दिन अंकुर निकल आएंगे। हरे रंग के अंकुर

सौभाग्य व सुख समृद्धि के सूचक हैं।

मूर्ति / चित्र स्थापना
एक लकड़ी के पीढ़े या चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछा कर मां दुर्गा की या भगवान राम या
हनुमान जी की छोटी मूर्ति या चित्र पूजा स्थान या घर के मंदिर में लाल या पीले वस्त्र पर स्थपित करें
और रौली, चंदन, पुश्पादि अर्पित करें ।

अखंड ज्योति एवं पाठ
यदि संभव हो और सामर्थ्य भी हो तो देसी घी का अखंड दीपक जलाएं। इसके
आस पास एक चिमनी रख दें ताकि बुझ न पाए।दुर्गा सप्तषी का पाठ करें।
नित्य पूजन
समयानुसार तथा समय की उपलब्धतानुसार, दुर्गा सप्तषती चाहे पूरी पढ़े या एक दो
अध्याय। प्रतिदिन सिद्ध कुंजिका स्तोत्र पढ़ने का भी लाभ मिलेगा। ओम् ऐं हृीं क्लीं
चामुण्डायै विच्चेमंत्र का जाप भी कर सकते हैं।

नवरात्रि की तालिका
21 मार्च-प्रतिपदा- शनिवार - कलश स्थापना एवं देवी शैल पुत्री की आराधना
22 मार्च-द्वितीया एवं तृतीया-रविवार- देवी ब्रहमचारिणी एवं चंद्रघंटा की पूजा
23 मार्च- चतुर्थी- सोमवार- कूश्माण्डा देवी की उपासना
24 मार्च- पंचमी- मंगलवार- स्कंदमाता की पूजा
25 मार्च- शश्ठी - बुधवार - हात्यायनी पूजा
26 मार्च- सप्तमी- वीरवार- कालरात्रि पूजा
27 मार्च- दुर्गाश्टमी-षुक्रवार- महा गौरी आराधना
28 मार्च- राम नवमी- शनिवार - सिद्धिदात्री उपासना

क्या है दुर्गा सप्तषी में?
इसमें 700 श्लोक ब्रहमा, वशिष्ठविश्वामित्र द्वारा रचित हैं ,इसीलिए इसे सप्तषी कहते हैं। इसमें 90 मारण के, 90 मोहन के200 उच्चाटन के, 200 स्तंभन के, 60- 60 विद्वेशण के कुल मिला कर 700 श्लोक हैं। यह तंत्र व मंत्र दोनों का अदुतीय संपूर्ण ग्रंथ है ।इनका दुरुपयोग न हो इसलिएतीनों विद्वानों ने इन्हें श्रापित भी कर दिया। अतः पहले ष्षापोद्वार के 20 मंत्र पढ़ कर ही दुर्गा सप्तषी का पाठ आरंभ होता है।



व्रत
पूरे नौ दिन अथवा सप्तमी , अष्टमी या नवमी पर निराहार उपवास रखा जा सकता है। इस
मध्य केवल फलाहार भी किया जा सकता है।
कन्या पूजन
अष्टमी या नवमी पर 9 वर्ष की कन्या तथा एक बालक को घर बुलाकर उनका पूजन करके
भोजन करवाएं। उन्हें उचित दक्षिणा एवं उपहार सहित विदा करें ।
किस समस्या के लिए कैसे मंत्र पाठ करें ?


नवरात्रि में साधना
1. व्यापार वृद्धि-आर्थिक उन्नतिः उत्तरामुखी बैठ कर काली हकीक माला से 3 दिन 3 माला रोज करें ।
मंत्र: ओम् हृीं श्रीं क्लीं क्रों घण्टाकर्ण महावीर लक्ष्मीं पूरय पूरय सौभाग्यं कुरु कुरु स्वाहा !!
2. ऋण मुक्तिः पश्चिम मुख बैठ के ,लाल आसन पर पीले वस्त्र पहन के 3 काली हकीक माला करें।
मंत्रः ओम् भं भैरवाय नमः !!
3. विदेश यात्रा बाधाः लाल वस्त्र पहन, पश्चिम मुख करके हनुमान जी का ध्यान करते हुए 54 बार
मंत्र जाप करें- ओम् क्षं फट् !!
4.पद प्रतिश्ठाः सफेद आसन पर सफेद वस्त्र पहन के उत्तरामुखी होके 7 माला करें –
मंत्रः हं ह सें ह स क रीं ह सें !!
5. प्रमोशन: सफेद वस्त्र पहन के उत्तरामुखी हो एक माला रोज करें मंत्र-
ऐं ओम् हृीं नीलरातायै क्लीं हुं फट्!!
6.विवाहः लाल या सफेद वस्त्र पहन कर,पूर्वामुखी हो लड़का एक माला रोज करे ।
मंत्रः पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्!तारणीं दुर्ग संसारसागरस्य कुलोद्भवाम्!!
कन्या का मंत्रः ओम् गौरी ! षंकराधीषे ! यथा त्वं षंकरप्रिया!
तथा मां कुरु कल्याणि कांता सदुर्लभाम् !!
7.मकानः रक्तचंदन की माला से उत्तरामुखी हो कुल 21 माला करें
मंत्रः ओम् देवोत्थाय नमः !!
8.संतान विवाहः लाल वस्त्र पहन ,उत्तरामुखी हो ,7 माला रोज करें
-मंत्रः ओम् क्रीं क्लीं विवाह बाधा निवारणाय फट्!!
9.स्थाई संपत्ति: पूर्वामुखी हो,पीले वस्त्र पहन कमलगटटे की माला से 3 माला रोज करें
मंत्रः ओम् पद्मावती पद्मनेत्रे लक्ष्मीदायिनी सर्वकार्य सिद्धि करि करि !
ओम् हीं श्री पद्मावत्यै नमः!!
10.साजिष व शड़यंत्र मुक्तिः दक्षिणामुखी हो लाल वस्त्र पहन,मूंगे की माला से 3 माला रोज
करें।
मंत्रः क्रीं क्रीं क्रीं हीं हीं हूं हूं दक्षिणे कालिके
क्रीं क्रीं हीं हीं हूं हूँ सवाहा !!
11.कोर्ट केसः पूर्वामुखी बैठ, लाल वस्त्र पहन 21 माला 7 दिन करें ।
मंत्रःषूलेन पाहि नो देवि पाहिखड्गेन चाम्बिके !
घण्टा स्वनेन नः पाहि चापज्यानिः स्वनेन च!!
12. शत्रु विजयः दक्षिणामुख हो,लाल वस्त्र पहन,3 माला रोज करें ।
मंत्रः ओम् क्लीं ऐं वज्र वैरोचनीये विजयसिद्धिं षत्रुनाषाय फट्!!
13. सर्व षत्रु संहारः मूंगे की माला से लाल वस्त्र पहन, एक माला करें ।
मंत्रः ओम् ऐं हूँ क्लीं चामुण्डायै विच्चै !!


नए संवत एवं नवरात्रि का सभी राषियों पर प्रभाव इस प्रकार रहेगा-
मेशः धार्मिक कर्मों व शिक्षा में अधिक कार्य। सरकारी कार्यों में सफलता मिलेगी।
बृशः व्यवसाय में वृद्धि, नौकरी में पदोन्नति, नेता हैं तो मंत्री बनने के योग।
मिथुनः चहुंमुखी विकास, बिजनेसमैन के कई नए आयाम खुलेंगे, विद्यार्थी विदेश जा सकते हैं।
कर्कः नई नौकरी, स्थानान्तरण, खर्च अधिक।
सिंहः सफलता, मान सम्मान बढ़ेगा, बड़े लोगों से लाभ।
कन्याः व्यवसाय या नौकरी में परिवर्तन व पदोन्नति।
तुलाः सरकारी या प्राइवेट कंपनी के खर्चे पर विदेष यात्रा, परिवार में वृद्धि।
बृष्चिकः नए काम की इच्छा, प्रापर्टी में वृद्धि या खरीद।
धनुः छात्रों को कैरियर में अप्रत्याषित सफलता, लक्ष्य की प्राप्ति सुगम।
मकरः परिवार में विवाह या अन्य मांगलिक कार्य संभव, विदेश से शुभ सूचना।
कुंभः किसी भी तरह का रिस्क ले सकते हैं, गड़ा, पड़ा, रुका धन मिलेगा।
मीनः देष व विदेष यात्रा से लाभ, मान सम्मान में वृद्धि।

Article Provided By: श्री मदन गुप्ता सपाटू






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